बठिंडा देहाती हलके से शिरोमणी अकाली दल-बसपा गठबंधन उम्मीदवार भट्टी की जीत यकीनी

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भाजपा गठबंधन द्वारा सवेरा सिंह को मैदान में उतारे जाने के बाद प्रकाश सिंह भट्टी हुए मजबूत

बठिंडा, अनिल कुमार

विधानसभा चुनाव 2022 का समर जीतने के लिए समस्त पार्टियां अपने अपने स्तर पर सियासी दांव खेल रही हैं, वहीं अपने अपने स्तर पर समस्त राजनीतिक पार्टियों द्वारा सर्वे करवाए जा रहे हैं। इस बीच बठिंडा देहाती से शिरोमणी अकाली दल-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार प्रकाश सिंह भट्टी की जीत पर उस समय मोहर लग गई, जब भाजपा गठबंधन द्वारा पूर्व विधायक मक्खन सिंह के बेटे सवेरा सिंह को उम्मीदवार बनाया गया। गौरतलब है कि उक्त हलके से आम आदमी पार्टी द्वारा शिरोमणी अकाली दल से निष्कासित किए गए अमित रतन कोटफत्ता को मैदान में उतारा गया है तथा अमित रतन पर आम लोगों से धोखाधड़ी करने के संगीन आरोप पीड़ितों द्वारा लगाए जा रहे हैं। पीड़ितों द्वारा धोखाधड़ी के लगाए गए आरोपों के साथ-साथ किसान संगठनों द्वारा धोखाधड़ी के खिलाफ अमित रतन की कोठी का घेराव करने के बाद अमित रतन कोटफत्ता को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। सर्वे में यह बात सामने आई है कि आप का जनाधार होने के बावजूद इंजीनियर अमित रतन कोटफत्ता तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं, जबकि सवेरा सिंह के मैदान में आने के बाद पूर्व विधायक प्रकाश सिंह भट्टी की जीत पर मुहर लग गई है। गौरतलब है कि उक्त हलके में शिरोमणी अकाली दल तथा कांग्रेस पार्टी के बागी वोटरों द्वारा अमित रतन के हक में मजबूरन मतदान किया जाना था, परंतु सवेरा सिंह के मैदान में आने के बाद यह वोटें लगभग सवेरा सिंह के खाते में जाने की संभावना है। शिरोमणी अकाली दल-बसपा उम्मीदवार को शिरोमणी अकाली दल तथा बसपा के पक्के वोट तो मिलेंगे ही, बल्कि बागी वोटों का ध्रुवीकरण हो जाएगा और यह बागी वोट सवेरा सिंह के खाते में चली जाएगी। बागी वोटरों का कहना है कि शिरोमणी अकाली दल तथा कांग्रेस को वह पहले ही आजमा चुके हैं और उनकी आप के हक में मतदान करने की एक मजबूरी बन गई थी, परंतु अब सवेरा सिंह के मैदान में आने से वह सवेरा सिंह के हक में मतदान करेंगे, जिस कारण आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमित रतन को भारी नुकसान होगा। वोटरों का यह भी कहना है कि जो व्यक्ति आम जनता खासकर नौजवानों से ठगियां मारकर उन्हीं नौजवानों से वोटों की मांग करता है, तो साफ है कि वह ठगियां मारने का लाइसेंस जनता से मांग रहा है तथा अमित रतन भी उनमें ही शामिल है और उनको वोट देना ठगी पर मोहर लगाने के बराबर होगा। बेशक जो भी हो सवेरा सिंह के मैदान में आने से प्रकाश सिंह भट्टी की जीत लगभग तय है तथा अब यह जीत रिकॉर्ड वोटों में बदलने की पूरी संभावना है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि प्रकाश सिंह भट्टी के विजेता होने के बाद वह शिरोमणी अकाली दल-बसपा गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर तैनात होंगे, जो हलका बठिंडा देहाती के लिए वरदान साबित होंगे।

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