नई दिल्ली
तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ईवी रमासामी पेरियार को लेकर दिए गए अपने एक बयान के कारण विवादों में हैं। यहां तक कि उनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराई गई है। वहीं उन्होंने अपने बयान पर खेद नहीं जताया है और माफी मांगने से साफ इंकार कर दिया। द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टाेलिन ने भी रजनीकांत को ऐसे बयान देने से एहतियात बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘मेरे मित्र रजनीकांत नेता नहीं हैं, वे अभिनेता हैं। मैं उनसे आग्रह करता हूं कि पेरियार जैसी शख्सियत के बारे में बोलने से पहले वे पहले सोच लें तब बोलें।’
मंगलवार को रजनीकांत ने कहा, ‘मैंने जो कहा उसके लिए माफी नहीं मांग सकता। उस वक्त इसे लेकर मीडिया में भी खबरें प्रकाशित हुई थीं और मैं उसे दिखा सकता हूं। मैं माफी नहीं मांगूंगा।’ रजनीकांत के खिलाफ शिकायत में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई। उल्लेखनीय है कि पेरियार को द्रविड़ आंदोलन का जनक कहा जाता है। रजनीकांत ने कहा था कि पेरियार देवताओं के कट्टर आलोचक थे।
बता दें कि द्रविड़ विधुथलाई कझगम के सदस्यों ने रजनीकांत के खिलाफ थंथई पेरियार (पेरियार ईवी रामासामी) पर कथित रूप से टिप्पणी करने को लेकर मामला (FIR) दर्ज करने की मांग की। उनपर पेरियार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का आरोप है।
दरअसल, तमिल मैगजीन ‘तुगलक’ से एक साक्षात्कार में रजनीकांत ने पेरियार द्वारा वर्ष 1971 में निकाली गई एक रैली का उल्लेख किया। उनके अनुसार, 1971 में सलेम में पेरियार ने एक रैली निकाली थी। इसमें भगवान राम और सीता की वस्त्रहीन तस्वीरें मौजूद थीं। रजनीकांत के इसी बयान पर आपत्ति जताई गई।