नई दिल्ली.द अपील न्यूज ब्यूरो | आईएनएक्स मीडिया केस में घोटाले के आरोपों से घिरे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. ऐसे में अब प्रवर्तन निदेशालय कभी भी उन्हें हिरासत में ले सकता है. कहा जा रहा है कि आज दोपहर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. ईडी ने दावा किया है कि उनके पास चिदंबरम के खिलाफ ठोस सबूत हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस समय अगर आरोपी को अग्रिम जमानत दी जाती है तो जांच प्रभावित होगी.
जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि ईडी ने जो भी दस्तावेज हासिल किए हैं उसे चिदंबरम को दिखाने की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि आर्टिकल 32 के तहत अग्रिम जमानत किसी का मौलिक अधिकार नहीं हो सकता. न्यायालय ने कहा कि ये ऐसा मामला नहीं है, जिसमें अग्रिम जमानत दी जाए. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी को मामले की छानबीन करने के लिए पर्याप्त स्वतंत्रता दी जानी चाहिए.
सीबीआई और ईडी ने कोर्ट से कहा है कि उनके पास चिदंबरम के खिलाफ लगे आरोपों को साबित करने के लिए पूरे सबूत हैं. ईडी के मुताबिक, चिदंबरम के बेटे कार्ति और उनके सहयोगियों के 17 बैंक एकाउंट्स का पता चला है. इसके अलावा ईडी का आरोप है कि आरोपियों ने सबूत मिटाने की भी कोशिश की है. शेल कंपनियों में डमी डायरेक्टर बनाए गए, जिसका ताल्लुक आरोपियों से हैं.ये पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. इसकी डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी थी. इस मामले में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की 305 करोड़ रुपये की मंजूरी के संबंध में कथित भूमिका के लिए जांच एजेंसियों के दायरे में हैं. सीबीआई ने 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि हासिल करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी से मिली मंजूरी में कथित अनियमितता की शिकायत पाई. इस मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति का भी नाम सामने आया है. आरोप है कि कार्ति ने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिये 10 लाख डॉलर की रिश्वत ली. कार्ति पर ये भी आरोप है कि उन्होंने इंद्राणी की कंपनी के खिलाफ टैक्स का एक मामला खत्म कराने के लिए अपने पिता के रुतबे का इस्तेमाल किया था.